जिंदगी दाेस्ताें के बिना बेकार है... जिंदगी दाेस्ताें के बिना बेकार है...
प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही। प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही।
मन के भाव को धूल धुसित कर देखो परछाई का रंग भी सफेद नजर आयेगा। मन के भाव को धूल धुसित कर देखो परछाई का रंग भी सफेद नजर आयेगा।
यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैहम कभी भीकिसी को भीगरिया सकते है यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैहम कभी भीकिसी को भीगरिया सकते है
नफरत भरने न कोई दिल मेें इंसान को इंसान तो होने दे नफरत भरने न कोई दिल मेें इंसान को इंसान तो होने दे
हाथ हिलाते हुए विदा हुआ था ! हाथ हिलाते हुए विदा हुआ था !